फाइनेंश क्या होता हैं ?
हिन्दी मे
What is finance ?
In hindi



इस पोस्ट मे हम जानेंगे की फायनेंस क्या होता है? उसकी परिभाषा क्या होती हैं? फायनेंस कितने प्रकार का होता हैं? 



What is a finance?
Finance क्या होता है?


Finance एक फ़्रैंच शब्द हैं। जिसका हिन्दी मे मतलब होता है वित या पूंजी। यानी  finance का सीधा सम्बन्ध कैपिटल या money से होता है।



आसान शब्दो मे फाइनेंश की परिभाषा


किसी भी कार्य, उत्पादन या व्यापार को करने के लिये कैपिटल या पूंजी की जरूरत पडती हैं तो पूंजी या कैपिटल का प्रबंध करना ओर उसे सही तरीके से काम मे लेना या सही तरीके से इन्वेस्ट करना ही finance कहलाता है।


Finance एक व्यापक शब्द है जो banking,  debt,  credit,  capital market, and investment के बारे मे वर्णन करता है।



Type of finance


Finance मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं।
1. Personal finance
      ( व्यक्तिगत वित)
2. Corporate finance
      ( निगम वित )
3. Public finance
      ( लोक वित )



1. Personal finance ( व्यक्तिगत वित )


व्यक्तिगत वित जेसा की नाम से पता चलता है की इसमे व्यक्ति अपने निजी पेसौ लो अपनी जरूरत के हिसाब से मेनेज करता है ।
हर व्यक्ति अपने पेसौ को अलग अलग तरीको से इस्तेमाल करता है तथा उसका अपना अलग तरीका होता है।


जिस व्यक्ति के अच्छी financial skill or अच्छा financial knowledge है  वह अपने पेसौ को अच्छे से इस्तेमाल कर सकता है तथा भविष्य मे या लॉन्ग टर्म मे कई financial समस्याओ से निजात पा सकता है।



2. Corporate finance ( निगम वित )


जिस प्रकार व्यक्तिगत वित मे व्यक्ति अपनी निजी पेसौ का नियन्त्रण करता है उसी प्रकार निगम वित मे किसी कंपनी या संस्था द्वारा अपना व्यापार चलाने के लिये पेसौ का सही तरीके से नियन्त्रण करते हैं।

Corporate finance मे कंपनी मे मुख्य रूप से दो area होते हैं। पहला, कंपनी पेसौ का प्रबंध करती हैं जो की किसी bank or financial institutions से या कैपिटल मार्केट से ले सकती है। दुसरे मे, कंपनी को उन पेसौ को सही तरीके से निवेश करना पड़ता है ताकी भविष्य मे कंपनी अच्छा profit कमा सके।




3. Public finance ( लोक वित )


लोक वित का सम्बन्ध सरकार से है। सरकार को अपना शासन चलाने ओर देश के लिये  विकशील कार्य करने के लिये पेसौ की जरूरत पड़ती है। सरकार tax तथा non tax के जरिये पेसौ लेती हैं जिससे सरकार की आय होती हैं। सरकार उन public revenue का सही तरीके से budget बनाकर public के लिये खर्च करती है।

यहा सरकार को सही तरीके से अपने पेसौ को इस्तेमाल करना पडता है ताकी उन्हे कोई National loan ना लेना पड़े।