Balance sheet क्या होती हैं तथा इसे केसे पढते हैं ?
हिन्दी मे
What is balance sheet and how does it read ?
IN HINDI





बैलेंस शीट क्या होती हैं ? बैलेंस शीट पढते केसे हैं ? Assets क्या होता है ? Liabilities क्या होती हैं ? इन सभी सवालो के बारे मे इस पोस्ट मे पढेंगे।




Balance sheet किसी कंपनी का financial statement होता है यह कंपनी ने शुरुआत से present year तक के total assets ओर total liabilities के बारे मे बताती है।


बैलेंस शीट के मुख्य रूप से दो पार्ट होते हैं। पहला assets होता है जो कंपनी own करती हैं या जिन पर कंपनी का मालिकाना हक होता हैं। दुसरा liabilities होता है जो कंपनी owe करती हैं या जिसे कंपनी ने कर्ज लेकर खरीदा है लेकिन उसे ब्याज सहित वापस चुकाना होता है।


भारत में finamcial year 1 APRIL से शुरु तथा 31 मार्च को खत्म होट हैं। कंपनी अपने FINANCIAL RESULT per QUARTER जारी करती हैं। एक साल मे 4 quarter होते हैं।
        1 YEAR  =  4 QUARTERS
        
        12 MONTH/ 4  =  3 MONTHS
              

 1 QUARTER =  3 MONTHS

1 QUARTER तीन महिने का होता है।
1 APRIL - 1 JULY                = FIRST QUARTER
1 JULY - 1 OCTOBER       = SECOND QUARTER
1 OCTOBER - 1 JANUARY = THIRD QUARTER
1 JANUARY  - 1 APIRL     = FOURTH QUARTER


FINANCIAL YEAR के आखिर मे बैलेंस शीट तेयार की जाती है इसे annual report मे जारी किया जाता है।

 

BALAMCE SHEET के महत्त्वपुर्ण दो PART होते हैं -

1. Assets
2. Liabilities


Balance sheet समीकरण
ASSETS = LIABILITIES + SHARE FUND EQUITY


First part : -

LIABILITIES = COMPANY OWES

Liabilities वह capital होती हैं  जिसे कंपनी को वापस चुकाना पड़ता हैं।
जेसे  buildings and factories के loan
        Vehicals की EMI
        Short term liabilities ( 1 साल से कम )
         Long term luabilities (  1 साल से अधिक )



LIABILITIES

1. SHARE HOLDER'S FUNDS


1.1 Equity share capital = कंपनी अपने शेयर को बेचकर जो पेसा उठाती हैं उसे equity share capital कहतें है।
Equity share capital = face value × No. Of shares
= 10 ×10 cr.
= 100 cr.
सामान्य तोर पर किसी कंपनी की face value 1, 2, 5, ओर 10 होती हैं।


1.2 Reserve and surplus
= इसमे कंपनी का premium share fund or devidend देने के बाद बचा profit fund का कुल fund होता हैं।


माना किसी कंपनी ने अपने शेयर को 100 रुपये मे बेचा हैं तथा उस शेयर की face value 10 रुपये हैं तो शेयर की premium share price 90 रुपये होगी।
Premium fund = premium price × no. of share
                          = 90 × 10 cr.
                          = 900 cr. Premium fund



2. NON - CURRENT LIABILITIES

 ( इसे लॉन्ग टर्म laibilities कहा जाता है। यह 1 साल से ज्यादा समय के लिए होती हैं )


2.1 Long term borrowing
= इसमे वह fund है, जो
बैंक ओर debenture से 1 साल से अधिक समय के लॉय जाता है।


2.2 Deferred tax liabilities (net)
= वह टैक्स liabiloties है जिसे कंपनी ने past या present मे नही चुकाया है उसे future मे चुकाएंगी।


2.3 Other long term liabilities
=
Securities deposit
Rent deposit
Deferred credit


2.4 Long term provision
= कंपनी को लगता है उन्हे duture मे laibilities होने वाली है तो अलग से funds रखती हैं।
जेसे की product की guarntee व warrnty के लिये fund .



3. CURRENT LIABILITIES


3.1 Short term liabilities
= 1 साल से कम समय के लिये बैंक से लिया गया loan है।


3.2 Trade payable
= वह liabilities जिसका बिल बन चुका है पर उन्हे चुकाना बाकी है।
जेसे की Row mararial supplies, row materials credit पर माल बेचते हैं  तथा वह कुछ समय के बाद payment मांगते हैं।


3.3 Other current liabilities
=
Unclaimed  and unpaid dividends
Current maturities of long term borrowing
Bank overdraft ( current account me overdraft)


3.4 Short term provision
= short term के लिये रखा गया provision fund होता हैं।



Second part :-

Assets = company own

Assets वह होते हैं जिस पर कंपनी का मालिकाना हक होता हैं।
जेसे vehicles, car, machines, furniture, computers and office etc.


ASSETS


1. NON CURRENT ASSETS ( जिसे कंपनी 1 साल के अन्दर cash मे आसानी से बदल नही सकती )



1.1 Tangible assets
= वे assets जिसे देख व छू सकते हैं।
Ex  machin, computers, furniture, building etc.


1.2 Intangibles assets
= जिसे देख व छु नही सकते हैं।
Ex. Computers software, patent, goodwill etc.


1.3 capital work in progress
=
Construction का काम चल रहा हैं पर उस पर खर्चा हो चुका हैं।


1.4 Non current investment

कंपनी द्वारा की गई कोई लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट जेसे की bonds मे, स्टॉक मे, mutual funds मे ( 1 साल से ज्यादा समय के लिए )


1.5 long term loans and advances
=
Employees, service providers or suppliers को दिया हुआ advance या loan होता हैं।


1.6 Other non current assets
=
वह assets जो ऊपर नही बताया गया है।
Exm   intrest on FD
  PRE paid expense
Other advances


2. CURRENT ASSETS ( जिसे कंपनी 1 साल के अन्दर कैश मे आसानी से बदल सकती हैं )


2.1 Current investments
 = इसमे short term investment assets होता हैं।
Ex. Mutual funds,  stocks


2.2 Investories
= जब किसी product का निर्माण होता हैं तो इसके तीन part होते है।
1. Row material
2. Work in progress
3. Finish good
यह तीनो inventories, current assets मे आती हैं।


2.3 Trade receivable = 
Suppliers or customers को क्रेडिट पर सामान बेचती हैं।

2.4 cash and cash equipment = Company के पास रखा cash तथा कोई equipment जिसे बेचकर आसानी से कैश मे बदल सकते हैं।


2.5 Other current assets

वो current assets जो ऊपर बताया गया नही हो।