ऐंजल इनवेस्टौर कोन होते हैं ?
हिन्दी मे
Who are angel investors?
In hindi
जब कोई व्यक्ति कोई बिजनेस या स्टार्टअप शुरू करता है या उसने अपना हाल ही में कोई बिजनेस या स्टार्टअप शुरू किया है। तो उसके पास इतने पैसे नहीं होते कि इस बिजनेस को शुरू कर सके और उस बिजनेस को स्केल कर सके, तो वह किसी bank, financial institutions and government schemes कर जरिये लोन लेता है। तो व्यक्ति पैसों की कमी को पूरा करने के लिए एंजल इन्वेस्टर की भी मदद ले सकता है वह कैसे इस पोस्ट में आगे समझते हैं।
सबसे पहले जानते हैं कि
एंजल इन्वेस्टर कौन होते हैं?
Who are angel investors ?
एंजल इन्वेस्टर वे निवेशक होते हैं जिनके पास मार्केट और बिजनेस का काफी नॉलेज है तथा काफी अनुभव भी होता है। उनके पास काफी पैसा होता है और यह सिंगल इन्वेस्टर भी हो सकते हैं या कहीं इन्वेस्टर ग्रुप में भी मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करते हैं। अगर मार्केट में उन्हें कोई बिजनेस या स्टार्टअप पसंद आता है। उन्हें लगता है कि यह स्टार्टअप या बिजनेस फ्यूचर में अच्छा ग्रोथ करेगा तो वह स्टार्ट पर बिजनेस में अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं।
Why angel investor investe in business/startup?
एंजल इन्वेस्टर किसी स्टार्टअप बिजनेस में इन्वेस्ट करके रिटर्न प्राप्त करने के लिए करते हैं। एंजल इन्वेस्टर उस कंपनी में स्टार्टअप में कुछ हिस्सेदारी या पार्टनरशिप के तौर पर इनमें निवेश करते हैं। ताकि फ्यूचर में प्रॉफिट कमा सके, यह इन्वेस्टमेंट लोंग टर्म के लिए किया जाता है।
What are the advantages and disadvantages of getting funding from angel investors ?
एंजल इन्वेस्टर से फंडिंग लेने के फायदे और नुकसान क्या हैं?
1. एंजल इन्वेस्टर्स से फंडिंग लेने का फायदा ही है कि आपको भी शुरुआती दौर में आपको फंडिंग मिल जाती है। लेकिन इसका नुकसान यह है कि आपको फंडिंग के बदले उस एंजल इन्वेस्टर को अपनी कंपनी की कुछ हिस्सेदारी देनी पड़ती है।
2. एंजल इन्वेस्टर के पास काफी एक्सपीरियंस और नॉलेज होता है जो आपके बिजनेस में आपके साथ काम करता है तथा वह आपकी बिजनेस करने में मदद भी करता है लेकिन इसका नुकसान यह है कि आपको हमेसा अपना फेसला लेने के लिए आपको एंजल इन्वेस्टर की परमिशन लेनी पड़ती है।
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