शेयर बाजार के इंटरमीडिएटर कोन कोन होते हैं ?
हिन्दी मे
Type of intermediator in share market ?
IN HINDI
इस पोस्ट से हम जानेंगे की शेयर मार्केट मे bank, stock broker, depository and depository participant, तथा NSCCL and ICCL का क्या योगदान हैं?
जब किसी investor द्वारा किसी शेयरो को खरीदा जाता है तथा दुसरे इनवेस्टर द्वारा शेयरो को बेचा जाता है तो शेयर के खरीद ओर बिक्री के पुरे क्रम मे कई मार्किट intermediater का योगदान होता है।
तो हम इस पोस्ट मे सभी मार्किट intermediater के बारे में पढेंगे जिनसे पुरा share market बनता है।
1. BANK
शेयर बाजार मे किसी भी कंपनी के शेयरो को खरीदने के लिये फंड की जरुरत पड़ती हैं। इनवेस्टर अपने बैंक अकाउंट मे रखे पेसौ से शेयर खरीद सकता है।
केसे बैंक अकाउंट से शेयर खरीद सकते हैं आइए इसे समझते हैं।
जब किसी investors द्वारा किसी ब्रोकर से demate and trading अकाउंट खुलवाता हैं, तब उसका बैंक अकाउंट को उसके trading अकाउंट से लिंक किया जाता हैं। जिससे कोई भी इनवेस्टर आसानी से बैंक अकाउंट से पेसौ को अपने trading अकाउंट मे भेज सकता हैं तथा उन पेसौ से शेयर मार्केट से शेयर, bond, ओर derivarives को खरीद सकता हैं।
ओर शेयर मार्किट से कमाए पेसौ को भी असानी से trading account से बैंक अकाउंट मे ट्रांसफर किया जा सकता है।
2. STOCK BROKERS
किसी भी investor द्वारा सीधे stock exchange से शेयर को खरीदा या बेचा नही जा सकता है। उसके लिये investor को एक intermediater की जरुरत पडती हैं जो उसे स्टॉक एक्सचेंज से जोड़ता हैं। वह intermediater, स्टॉक ब्रोकर या कोई fainancial इंस्टीटयूशन हो सकता हैं। यह investor को स्टॉक एक्सचेंज से शेयर, bond and other securities को खरीदने या बेचने मे मदद करता हैं। इसके लिये ब्रोकर के पास demate and trading account खुलवाना पडता हैं। इसकी मदद से इनवेस्टौर आसानी से स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयर को खरीद या बेच सकता है।
स्टॉक ब्रोकर,sebi की guidelense के अंतर्गत काम करता हैं।
3. DEPOSITORY AND DEPOSITORY PARTICIPANTS
किसी भी investor को demate account खोलने के लिये deposotory की जरुरत पडती है जहा पर सभी इनवेस्टौर के शेयरो को elexteonic formed मे जमा होते है। india मे दो depository हैं NSDL ओर CSDL। आप सीधे DEPOSITORY से demate अकाउंट open नहीं करवा सकते हैं। लेकिन sebi से registered किसी stock broker या financial institutuion द्वारा demate account open किया जा सकता है।
Depository आपके शेयर demate accounts मे रखने के बदले मे charge लेता है जिसे DP charge कहते हैं। depository द्वारा dp charge स्टॉक ब्रोकर से लिया जाता है तथा वही charge स्टॉक ब्रोकर अपने client ( ग्राहक) से वसुलता हैं ।
4. NSCCL AND ICCL
NSSCL ( National security clearing corporation Ltd) यह भारत देेेश की पहली clearing corporation हैं । NSCCL ओर ICCL, nse ओर bse की सहायक कंपनियां हैं। इनका काम होता हैं buyer तथा seller के शेयरों को T+2 day तक उनके डिमेट अकाउंट मे पहुंचाना।
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