कैश फ्लो स्टेटमेन्ट क्या होता हैं ?

 हिन्दी मे
What is cash flow statement ?

 In hindi




इस पोस्ट मे हम कैश फ्लो विवरण के बारे मे जानेंगे की कैश फ्लो स्टेटमेन्ट क्या होता हैं ? कैश फ्लो स्टेटमेन्ट को केसे पढते है?


कैश फ्लो क्या होता हैं ?
What is cash flow ?


कैश फ्लो को हिन्दी मे नकद प्रवाह कहते हैं। कैश फ्लो स्टेटमेन्ट मे कंपनी मे आने वाले पेसौ तथा बाहर जाने पेसौ का विवरण बताया जाता है।
Cash flow statement यह विस्तार से बताता है की जो कंपनी मे पेसे आ रहे है वे कहा से आ रहे हैं ओर क्या वास्तव मे ये पेसे कंपनी मे आए हैं तथा कंपनी उन पेसौ को कहाँ खर्च कर रही हैं।



कैश फ्लो स्टेटमेन्ट को केसे पढते है ?
How to read a cash flow statement ?


अब हम पढेगे की किसी कंपनी के कैश फ्लो स्टेटमेन्ट को केसे पढते है।
Cash flow statement के 3 महत्वपूर्ण भाग होते हैं -
1. Cash from operating activity
2. Cash from investing activity
3. Cash from financing activity




1. Cash from operating activities

कंपनी के द्वारा कंपनी मे जी भी product ओर service तेयार किये जाते हैं वे कंपनी की operating activities कहलाती हैं। उन operatiing activities से जो भी खर्चे या इनकम होती हैं उसे cash from operating activities मे प्रदर्शित किया जाता है।

जेसे -
कच्चा माल खरीदने मे हुआ खर्चा ।
उस कच्चे माल से products को बनाने मे हुआ खर्चा ।
कंपनी के products or service से हुआ मुनाफा या नुकसान ।
सरकार को products and services के लिये दिया गया टैक्स ।



2  Cash from investing activities

कंपनी अपने पेसौ को किसी assets मे निवेश करती हैं तथा पहले से खरीदे गए assets को बेचती हैं तो इन दोनो से जो भी कंपनी को मुनाफा या नुकसान होता है उसे investing activities मे बताया जाता है।

जेसे -
कंपनी लॉन्ग टर्म के लिये shares, mutual funds and bank fixed deposit मे पेसा निवेश करती हैं, तो उससे मिली इनकम।
कंपनी ने अपनी प्रॉपर्टी को कही rent पे दिया है, तो उससे मिला किराया।
कंपनी ने अपने किसी assets को बेचा है, तो उससे मिला पेसा।
कंपनी ने अपना कैश बैंक मे जमा कराया है, तो उनसे मिला ब्याज।



3. Cash from financing activities

अगर कंपनी को पेसौ की कमी हैं तो कंपनी कही से लॉन्ग टर्म या शार्ट टर्म के लिये कर्ज लेती हैं।ओर कंपनी ने कितना कर्ज लिया है तथा कितना कर्ज चुकाया हे यह सब financing activities मे आता हैं।

जेसे -
लम्बे समय से लिया गया कर्ज।
किसी ओर दिये गए कर्ज से मिला ब्याज।
शार्ट टर्म debt।